Category / उपदेश

बच्चो, ऐसा नहीं लगता कि विश्व में आज जहाँ देखो, वहीं समस्याएं हैं? भारत के नगरों में बम्ब फटने का, आतंकवादी हमलों का भय है। अम्मा को ज्ञात है कि हम सब इनके तथा अन्य खतरों के विषय में चिंतित हैं। विश्व-भर की समस्याओं का एकमात्र उत्तर है – करुणा। सब धर्मों के मूलभूत सिद्धान्त […]

एक बार एक व्यक्ति ने एक धनाढ्य इलाके में एक आलीशान भवन किराये पर लिया। धीरे-धीरे उसे भ्रम हो गया कि वो राजा है और बहुत अहंकारी हो गया। एक दिन एक साधु उसके घर पर भिक्षा मांगने आया तो उसने बड़ा निन्दनीय व्यवहार किया। साधु ने कहा, “तुमने यह घर किराये पर ही तो […]

अम्मा को अपने बचपन की कुछ घटनाएं स्मरण हो आयी हैं। अम्मा समुद्र-तट पर रहने वाले एक निर्धन परिवार में जन्मी थीं। अम्मा घर का सारा काम-काज करती थीं। आँगन में झाड़ू लगाते समय, यदि गलती से हमारा पाँव अख़बार के एक टुकड़े पर पड़ जाता तो हम झुक कर उसे छू कर फिर माथे […]

प्राचीन काल में हुए हमारे महात्मा धैर्य व करुणा के प्रतीक थे। उनमें करुणा न होती तो यह जगत् सचमुच नरक-तुल्य ही होता। उनके त्याग तथा कृपा के बल पर ही यह विश्व टिका हुआ है। तनिक ध्यान दीजिये कि आज जगत् में क्या चल रहा है। इन ऋषियों की कृपा एवं त्याग का प्रकाश […]

“मैं देह हूँ” – एक असत भावना है। देह को जीवन प्रदान करने वाला है वो चेतन तत्व जो हमारा असली स्वरूप है। उदाहरण के लिए, जब तक पीटर नामक एक व्यक्ति जीवित है तब तक उसे गली में से गुज़रते देख कर लोग कहते हैं, “वो देखो पीटर जा रहा है।” किन्तु जब वे […]