अमृत गंगा S3-94

सीज़न 3, अमृत गंगा की चौरानवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘इन्द्रियां, मन स्वाद के पीछे जाते हैं। रसना का, आँखों का, कान का स्वाद! ऐसे भटकता है मन! यह सब मन का वेश्यापन है; इसीलिये अनुशासन आवश्यक है। साधना का उद्देश्य ही है मन का संयम।’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ में ब्रिस्बेन की ओर। अम्मा भजन गाती हैं ‘कब आयेग वो दिन ।