“जब तक इन हाथों में एक रोते हुए व्यक्ति के कंधे पर हाथ रखकर दिलासा देने का सामर्थ्य है, अम्मा दर्शन देना जारी रखेगी।”
“इस नश्वर देह के अस्तित्व में रहने तक, अम्मा लोगों को दुलार करती रहे, दिलासा देती रहे और दुखियों के आँसू पोंछती रहे – बस यही अम्मा की अभिलाषा है।”
“संसार को ज्ञात होना चाहिये कि निःस्वार्थ प्रेम और सेवा के लिए समर्पित जीवन जीना संभव है।”
“जहाँ प्रेम है वहाँ सब कुछ अनायास हो जाता है। दूसरों की खुशी में ही मैं विश्राम पाती हूँ।”
“अम्मा का सभी से निवेदन है कि यदि हमारे दिलों में थोड़ी भी करुणा है तो हमें प्रतिदिन दुःखियों की किसी भी प्रकार से सेवा में अतिरिक्त आधा घंटा देना चाहिये। आज संसार में ऐसे लोगों की ज़रूरत है जिनकी वाणी और कर्म से भलाई अभिव्यक्त होती है। ऐसे भले लोगों के उदाहरण से समाज में व्याप्त अंधेरा दूर होगा।”