अमृत गंगा S4-19

सीज़न 4, अमृत गंगा की उन्नीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “हम सभी को आध्यात्मिक साधक के रूप में हर कार्य को पूजा मानकर करना चाहिए और उसके परिणाम को प्रसाद के रूप में स्वीकार करना चाहिए।” अम्मा गणेश भजन गाती हैं, ‘करींद्र वदना ’ अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है मैसूर की ओर।

अमृत गंगा S4-17

सीज़न 4, अमृत गंगा की सत्रहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “एक है प्रेम की गरीबी और दूसरी है बुनियादी आवश्यकताओं की गरीबी। अम्मा मानती हैं कि यदि हम अपने अंदर प्रेम को जागृत करें, तो दोनों प्रकार की गरीबी को मिटाया जा सकता है।” अम्मा श्रीराम का भजन गाती हैं, ‘प्रेम का दीप’ अम्मा की भारत यात्रा – कोयम्बत्तूर में।

अमृत गंगा S4-16

सीज़न 4, अमृत गंगा की सोलहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “एक साधक को अपने मार्ग पर केंद्रित रहना चाहिए और ध्यान भटकाने वाली बातों से बचना चाहिए, क्योंकि अनुशासित अभ्यास के बावजूद मन आसानी से विचलित हो सकता है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘प्रभु बिन’। अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है कोयम्बत्तूर की ओर।

अमृत गंगा S4-18

सीज़न 4, अमृत गंगा की अठारहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “प्रेम ही गर्भवती माँ को अपने बच्चे का भार उठाने, दर्द सहने और हर चुनौती का सामना करने की शक्ति देता है। प्रेम है तो सब सहने की शक्ति आ जाती है।” अम्मा श्रीकृष्ण का भजन गाती हैं, ‘गोपाल गोपाल नाम गाते जा। ’ अम्मा की भारत यात्रा – कोयम्बत्तूर में।

अमृत गंगा S4-15

सीज़न 4, अमृत गंगा की पंद्रहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “जैसे हम पैसे से पोषक आहार या ज़हर खरीदने का चुनाव करते हैं, वैसे ही हम तय करते हैं कि किन विचारों को पोषित करना है और किन्हें त्याग देना है।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘तुम हो माते’। अम्मा की भारत यात्रा में – तिरुप्पुर कार्यक्रम।