अमृत गंगा S3-48

सीज़न 3, अमृत गंगा की अड़तालीसवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि महात्माओं के जीवन हमें निरंतर मानव-मूल्यों के महत्व की शिक्षा देते हैं। महात्मा का सान्निध्य हमारे भीतर छिपे करुणा जैसे गुणों को बाहर लाने के प्रयासों को बढ़ावा देता है।

अम्मा की यात्रा लंदन, इंग्लैंड में जारी है। अम्मा ने भजन गाया है, गोपाल कृष्णा राधा कृष्णा!

अमृत गंगा S3-47

सीज़न ३, अमृत गँगा की सैंतालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, धर्म ही दूसरों को उन्नति की ओर बढ़ाता है; ताल-लय रखता है और सर्वाधार बना रहता है।

अम्मा की यात्रा लंदन, की ओर बढ़ी। अम्मा ने भजन गाया है, ‘पन्नगभूषण’।

अमृत गंगा S3-46

सीज़न ३, अमृत गँगा की छियालीसवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि हम लोगों में ज्ञान तो है, बोध नहीं है। जानकारी है, विवेक नहीं। बुद्धि है; हृदय सिकुड़ता जा रहा है।

इस कड़ी में, अम्मा की यूरोप यात्रा मिलान में जारी है। अम्मा ने भजन गाया है, ‘सूनी है गलियां’

अमृत गंगा S3-45

सीज़न ३, अमृत गँगा की पैंतालीसवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि शास्त्र हमारे ऋषि-मुनियों के अभिलेख हैं। हमें इनके शब्दों को अच्छे से पचा कर, अपने में आत्मसात कर लेना है।

इस कड़ी में, अम्मा की यूरोप यात्रा मिलान में जारी है। अम्मा ने भजन गाया है, ‘माँ जगदम्बे'(मुझे प्रेम दो जगदम्बे)

अमृत गंगा S3-44

सीजन ३, अमृत गँगा की चौवालीस वीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि हमारा प्रत्येक सत्कर्म हमें ईश्वर की ओर बढ़ाता है। अपने मार्ग के प्रकाश या अंधकार हम स्वयं हैं।

अम्मा की यात्रा टूलॉन से इटली के मिलान की ओर चल पड़ी है! अम्मा ने भजन गाया है – गणेश नम: ॐ