अमृत गंगा S4-51

सीज़न 4, अमृत गंगा की इक्यावनवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “गुरु से संबंध यानि अपने स्वरुप से ऐक्य, इसीलिए आध्यात्मिक मार्ग निज-स्वरुप की ओर यात्रा है, जो परम मुक्ति का राजमार्ग है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘प्यारे कान्हा।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – कोच्ची कार्यक्रम।

अमृत गंगा S4-50

सीज़न 4, अमृत गंगा की पचासवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “साधारण अध्यापक विद्यार्थी को केवल शिक्षा देता है, कष्ट नहीं, पर गुरु उसे कष्टकर परिस्थितियों में डालकर देह-मन की सीमाओं से ऊपर उठाता है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘सूनी है गलियां।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है कोच्ची की ओर।

अमृत गंगा S4-49

सीज़न 4, अमृत गंगा की उनतालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “यदि वानर-मन ही मार्गदर्शक रहा, तो सांसारिक भोग हमें बहकाएँगे और हम गहरे संकट में पड़ जाएँगे।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘माय भवानी (मराठी)।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – कोषीकोड कार्यक्रम।

अमृत गंगा S4-48

सीज़न 4, अमृत गंगा की अड़तालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “गुरु के सान्निध्य में अहंकार रूपी असुर को भगाकर ही हम अपने स्वरूप को जान पाएँगे।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘कैसा संदेशा।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – कोषीकोड कार्यक्रम।

अमृत गंगा S4-47

सीज़न 4, अमृत गंगा की सैंतालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “गुरु-पूर्णिमा शिष्य को गुरु की पूर्णावस्था का स्मरण दिलाकर स्वयं उसे प्राप्त करने का संदेश देती है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘भवानी जय जय।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – कोषीकोड कार्यक्रम।