Tag / ऋषि

अम्मा को अपने बचपन की कुछ घटनाएं स्मरण हो आयी हैं। अम्मा समुद्र-तट पर रहने वाले एक निर्धन परिवार में जन्मी थीं। अम्मा घर का सारा काम-काज करती थीं। आँगन में झाड़ू लगाते समय, यदि गलती से हमारा पाँव अख़बार के एक टुकड़े पर पड़ जाता तो हम झुक कर उसे छू कर फिर माथे […]

“मैं देह हूँ” – एक असत भावना है। देह को जीवन प्रदान करने वाला है वो चेतन तत्व जो हमारा असली स्वरूप है। उदाहरण के लिए, जब तक पीटर नामक एक व्यक्ति जीवित है तब तक उसे गली में से गुज़रते देख कर लोग कहते हैं, “वो देखो पीटर जा रहा है।” किन्तु जब वे […]