अमृत गंगा S2-36

अमृत गँगा, सीज़न २ की छत्तीसवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हम नए वर्ष के आरम्भ होते संकल्प तो अक्सर लेते हैं लेकिन अपनी पुरानी आदतों और वासनाओं के कारण उन्हें पूरा नहीं कर पाते। हम उन आदतों को छोड़ने को तैयार नहीं किन्तु जब तक उन्हें छोड़ते नहीं, परिवर्तन असम्भव है! कितना भी कठिन लगे, पर पुरानी आदतों को छोड़ना तो पड़ेगा ही। हमें आगे बढ़ने का दृढ संकल्प लेना चाहिए। जैसे हम शरीर की शुद्धि के लिए रोज़ स्नान करते हैं, वैसे ही मन के लिए उत्साह स्नान जैसा है। केवल नए वर्ष के दिन ही नहीं बल्कि पूरे वर्ष में प्रतिदिन इस उत्साह-उमंग को बनाये रखना चाहिए।

इस कड़ी में अम्मा की उत्तरी अमेरिकी यात्रा डैलस में पहुंची है। इसी कड़ी में, अम्मा के संग गाइये भजन: मंगल वदना…

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