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अमृत गंगा S3-10 अमृत गँगा सीज़न ३ की १० वीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हमें वचनों के उपयोग में सावधानी बरतनी चाहिए। बोलने से पहले सोच लेना चाहिए। कुछ गलत, बुरा होते देखें तो अवश्य बोलना चाहिए किन्तु सच जाने बिना, किसी को दोष देना या दंड देना अनुचित होगा। इस कड़ी […]

अमृत गंगा S2-36 अमृत गँगा, सीज़न २ की छत्तीसवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हम नए वर्ष के आरम्भ होते संकल्प तो अक्सर लेते हैं लेकिन अपनी पुरानी आदतों और वासनाओं के कारण उन्हें पूरा नहीं कर पाते। हम उन आदतों को छोड़ने को तैयार नहीं किन्तु जब तक उन्हें छोड़ते नहीं, परिवर्तन […]

अमृत गंगा S2-32 अमृत गँगा सीज़न २ की बत्तीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं कि प्रतिक्षण अनमोल है। प्रतिपल हम मृत्यु की ओर अग्रसर हैं! जो यह जानता है, वो सावधान रहेगा। हृदय और मन को युगपत कर्म करना चाहिए। मन में और अधिक विशालता और सूक्ष्मता आये! अध्यात्म-चिंतन व साधना महत्त्वपूर्ण हैं। ईश्वर हमसे […]