अमृत गंगा S4-06
सीज़न 4, अमृत गंगा की छठी कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “श्रीकृष्ण जैसे महात्मा की न केवल वाणी बल्कि हर दृष्टी, हर भाव भंगिमा हमारे भीतर पड़ी सुप्त चेतना को जागृत करती है। उनका सान्निध्य मात्र एक आध्यात्मिक अनुभव है।” अम्मा श्री राम के भजन गाती हैं, ‘मांगू मैं तुझ से माँ’। प्रस्तुत कड़ी से हम अम्मा के संग भारत यात्रा पर तिरुवनंतपुरम में।