मेरे बच्चो, अपने अन्दर प्रेम का दीप जला कर आगे बढ़ चलो। हम हर क़दम सुविचार और मुस्कुराते चेहरे के साथ उठाएँगे तो साधुता स्वयं आ कर हमारे अस्तित्व को भर देगी। फिर भला परमात्मा हमसे दूर रह ही कहाँ पाएँगे! वो आ कर हमें अपने अंक में भर लेंगे। हमारे जीवन का कोई क्षण फिर सुख-शान्ति से रहित नहीं होगा। – अम्मा