अमृत गंगा S3-38
सीज़न ३, अमृत गंगा की अड़तीसवीं कड़ी: अम्मा कह रही हैं कि सांसारिक जीवन जीते हुए भी यदि मनुष्य में आत्म-साक्षात्कार के उत्कृष्टतम लक्ष्य के प्रति प्रेम हो तो उसमें वैराग्य का बल आ जायेगा। मन के खड़े किये हुए विघ्न-बाधाओं पर विजय पाने की शक्ति आ जाएगी।
अम्मा की यात्रा अब भी हॉफ़ हैरनबर्ग में जारी है। अम्मा ने जो भजन गाया, वो है, ‘वंदे नन्दकुमारं..’