अमृत गंगा S3-34
अमृत गँगा,सीज़न ३ की चौंतीसवीं कड़ी में अम्मा कहती हैं कि मनुष्य को या तो अतीत की स्मृतियों में रहना अच्छा लगता है या भविष्य के सुहाने सपनों में! हमारी सब समस्याओं का प्रमुख कारण ही यह है कि हम अपने मूल आधार को भुला बैठे हैं!
अम्मा का कारवाँ जर्मनी के म्यूनिख़ में आ पहुँचा है! ‘जय जगदंबे दुर्गे माँ’ – यह भजन गाया है अम्मा ने!