अमृत गंगा S4-05

सीज़न 4, अमृत गंगा की पांचवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “जागरूकता एक टॉर्च की रोशनी की तरह है, जो हमें अंधेरे में स्पष्ट रूप से देखने में मदद करती है, जिससे हम रस्सी और साँप के बीच अंतर कर पाते हैं।” अम्मा श्री राम के भजन गाती हैं, ‘रविकुल तिलका’। प्रस्तुत कड़ी से हम अम्मा के संग भारत यात्रा पर तिरुवनंतपुरम में।