अमृत गंगा S3-42

सीज़न ३, अमृत गंगा की बयालीसवीं कड़ी में अम्मा बता रही हैं कि समर्पण भाव आत्म-साक्षात्कार का कारण बनता है और न केवल मृत्यु के पार बल्कि ‘मैं’ और ‘मेरा’ के भाव के परे ले जाता है!

अम्मा की यात्रा फ़्रांस के टूलॉन में जारी है। अम्मा एक बंगाली भजन गा रही हैं, ‘रामाय रामभद्राय..(जपो नाम)!’