अमृत गंगा 7

अमृत गंगा की सातवीं कड़ी में अम्मा हमें याद दिला रही हैं कई हमारे हाथ में कुछ है तो केवल वर्तमान क्षण। बीता हुआ कल ‘आज’ नहीं बन सकता और आने वाला कल भी आज नहीं हो सकता। अगली सांस तक हमारे हाथ में नहीं है। फल देने की शक्ति केवल ईश्वर के पास है, अतः हमें समर्पण भाव के साथ कर्म करना चाहिए।

इस कड़ी में प्रस्तुत है – अम्मा की फ़िनलैंड के हेल्सिंकी की यात्रा और उनका गाया भावपूर्ण भजन, ‘तुम हो माते…’।