Category / अमृतगंगा

अमृत गंगा S3-98 सीज़न 3, अमृत गंगा की अट्ठानवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘आज हम स्वार्थ-कर्मों के लिए ही जीवित हैं, न धर्म..न मोक्ष के लिए; मोक्ष को परम लक्ष्य मान कर हमें आगे बढ़ना चाहिए।’ अम्मा के कार्यक्रम सिंगापुर में। अम्मा भजन गाती हैं ‘अंबे जगदम्बे‘ ।

अमृत गंगा S3-97 सीज़न 3, अमृत गंगा की सत्तानवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘ईश्वर की प्राप्ति हेतु समर्पित साधक निरंतर आध्यात्मिक चिंतन, ध्यान, जप द्वारा इन कामनाओं से क्रमेण ऊपर उठ सकता है।’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ के सनशाइन कोस्ट में। अम्मा भजन गाती हैं ‘गं गणपतये‘ ।

अमृत गंगा S3-96 सीज़न 3, अमृत गंगा की छियानवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘हम किसी व्यक्ति, समाज और विश्व के हैं; इस मान्यता के साथ जीते हैं। हम यह परम सत्य भुला देते हैं कि केवल और केवल परमात्मा के हैं।’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ के सनशाइन कोस्ट में। अम्मा भजन गाती हैं ‘नैय्या […]

अमृत गंगा S3-95 सीज़न 3, अमृत गंगा की पंचानवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘मनुष्य की दिव्यत्व की ओर कैसे गति हो – दर्शाने के लिए ईश्वर मानव-अवतार लेता है।’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ में ब्रिस्बेन में। अम्मा भजन गाती हैं ‘सीताराम’ सीताराम ‘ ।

अमृत गंगा S3-94 सीज़न 3, अमृत गंगा की चौरानवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘इन्द्रियां, मन स्वाद के पीछे जाते हैं। रसना का, आँखों का, कान का स्वाद! ऐसे भटकता है मन! यह सब मन का वेश्यापन है; इसीलिये अनुशासन आवश्यक है। साधना का उद्देश्य ही है मन का संयम।’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ में ब्रिस्बेन की […]