अमृत गंगा S4-16

सीज़न 4, अमृत गंगा की सोलहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “एक साधक को अपने मार्ग पर केंद्रित रहना चाहिए और ध्यान भटकाने वाली बातों से बचना चाहिए, क्योंकि अनुशासित अभ्यास के बावजूद मन आसानी से विचलित हो सकता है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘प्रभु बिन’। अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है कोयम्बत्तूर की ओर।

अमृत गंगा S4-18

सीज़न 4, अमृत गंगा की अठारहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “प्रेम ही गर्भवती माँ को अपने बच्चे का भार उठाने, दर्द सहने और हर चुनौती का सामना करने की शक्ति देता है। प्रेम है तो सब सहने की शक्ति आ जाती है।” अम्मा श्रीकृष्ण का भजन गाती हैं, ‘गोपाल गोपाल नाम गाते जा। ’ अम्मा की भारत यात्रा – कोयम्बत्तूर में।

अमृत गंगा S4-15

सीज़न 4, अमृत गंगा की पंद्रहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “जैसे हम पैसे से पोषक आहार या ज़हर खरीदने का चुनाव करते हैं, वैसे ही हम तय करते हैं कि किन विचारों को पोषित करना है और किन्हें त्याग देना है।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘तुम हो माते’। अम्मा की भारत यात्रा में – तिरुप्पुर कार्यक्रम।

अमृत गंगा S4-14

सीज़न 4, अमृत गंगा की चौदहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “अम्मा मानती हैं कि इस अनुष्ठान का प्रतीक ज्ञान के प्रकाश को महसूस करना और संसार के लिए लाभकारी बनना है।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘जागो माँ काली’। अम्मा की भारत यात्रा में – तिरुप्पुर कार्यक्रम।

अमृत गंगा S4-13

सीज़न 4, अमृत गंगा की तरहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “शिक्षा हमारी असीम संभावनाओं को जाग्रत करती है, जिससे स्व और संसार दोनों को लाभ होता है। सच्ची भक्ति ईश्वर के प्रति हमारे आंतरिक सकारात्मक परिवर्तन के माध्यम से प्रकट होती है।” अम्मा शिव भजन गाती हैं, ‘शिबजि भोला’। प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है तिरुप्पुर की ओर।