अमृत गंगा S3-79

सीज़न 3, अमृत गंगा की उनहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘आप बाहर से कितने भी विकसित हो जायें लेकिन जब तक दूसरों को समझने योग्य व्यापक सोच नहीं आती तो फ़ायदा क्या?’ ‘न्यूयॉर्क’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘विनती हमारी तूने’।

अमृत गंगा S3-78

सीज़न 3, अमृत गंगा की अठहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘हम रामायण पढ़ते हैं राम बनने के लिए; गीता पढ़ते हैं कृष्ण बनने के लिए!’ ‘न्यूयॉर्क’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘गणेशाय नमः ॐ’

अमृत गंगा S3-77

सीज़न 3, अमृत गंगा की सतहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘लोभ-वृत्ति सर उठायेगी तो कृपा का प्रवाह बाधित हो जायेगा।’ ‘न्यूयॉर्क’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘प्रभू प्यार की ज्योत जला दो’।

अमृत गंगा S3-76

सीज़न 3, अमृत गंगा की छिहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘प्रत्येक वस्तु का अपना धर्म है; पालन न करने पर यह हम पर पलटवार करेगा।’ ‘वाशिंगटन डी.सी’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘जय जय शंकर (कन्नड़ा)’ ।

अमृत गंगा S3-75

सीज़न 3, अमृत गंगा की पचहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘प्रेम में, व्यक्ति सब कुछ भुला सकता है; कुछ कष्टकारक अनुभव नहीं होता – यह प्रेम की विशेषता है।’ ‘वाशिंगटन डी.सी’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘जय गोपालक जय हितकारी ।