अमृत गंगा S3-46 सीज़न ३, अमृत गँगा की छियालीसवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि हम लोगों में ज्ञान तो है, बोध नहीं है। जानकारी है, विवेक नहीं। बुद्धि है; हृदय सिकुड़ता जा रहा है। इस कड़ी में, अम्मा की यूरोप यात्रा मिलान में जारी है। अम्मा ने भजन गाया है, ‘सूनी है गलियां’
अध्यतन वार्ता
- परिवर्तनशील जगत का धैर्य से सामना करें
- शिष्यत्व अर्थात् समर्पण
- नित्य बंधु आत्मा ही है
- फ़ोन उपयोगी है पर दास न बने
- इस जगत में कुछ भी तुच्छ नहीं।
- प्रयत्न से एकाग्रता आएगी ही
- हर दिन में नयापन और सुंदरता देखो
- दान में अपेक्षा ना हो
- व्रत-अनुष्ठान : भगवान के लिए या हमारे लिए?
- त्याग में खोते नही, पाते ही है
When Love is there, distance dosen't matter.
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