अमृत गंगा S3-65 सीज़न ३, अमृत गँगा की पैंसठवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘हम रोते हुए जन्मते हैं; कम से कम विदाई के समय तो चेहरे पर मुस्कान हो, भगवान श्री कृष्ण हमें यही सीख देते हैं।’ ‘डैलस’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन भी गाती हैं – ‘मैं खड़ी उडिका ला’ (पंजाबी)
अध्यतन वार्ता
- निःस्वार्थ कर्म तमोगुण को घटाते हैं
- जीवन के अनिश्चिता का आनंद लेने का प्रयास करें
- समानता का आधार मानसिक शक्ति हो
- नवरात्रि: आत्मशक्ति के जागरण का पर्व
- आध्यात्मिक शिक्षा बचपन से ही देनी चाहिए
- आत्म-स्तिथ रहकर जगत को देखे
- कर्म का नियम, धर्म का पालन है
- जगत में कुछ भी तुच्छ नहीं
- जीवन का हर पल अमूल्य है
- गुरु उपदेश शिष्यानुरूप होते हैं
When Love is there, distance dosen't matter.
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