अमृत गंगा S4-15 सीज़न 4, अमृत गंगा की पंद्रहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “जैसे हम पैसे से पोषक आहार या ज़हर खरीदने का चुनाव करते हैं, वैसे ही हम तय करते हैं कि किन विचारों को पोषित करना है और किन्हें त्याग देना है।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘तुम हो माते’। अम्मा की […]
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अमृत गंगा S3-53 अमृत गंगा के सीज़न ३, एपिसोड तिरेपन में, अम्मा कहती है, सच्चे ज्ञान के साथ विनय स्वाभाविक है। इस एपिसोड में, अम्मा की यात्रा जापान में जारी है। अम्मा ने जो भजन गाया है, वो है जमुना किनारे।