Category / अमृतगंगा

अमृत गंगा S4-43 सीज़न 4, अमृत गंगा की तैंतालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “यदि हम जान लें कि आत्मा हमारा सनातन संगी-साथी है और हमारे जीवन का लक्ष्य भी, तो जीवन तालबद्ध हो जाएगा।” अम्मा एक कृष्ण भजन गाती हैं, ‘आयेंगे मेरे कान्हा आज।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है […]

अमृत गंगा S4-42 सीज़न 4, अमृत गंगा की बयालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “आज संबंध हृदयों में नहीं, मस्तिष्क में रोपित हैं। विवेक-बुद्धि सहित परस्पर adjustment करें तो भविष्य उज्जवल होगा!” अम्मा एक भजन गाती हैं, ‘अम्बा भवानी।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – कन्नूर कार्यक्रम।

अमृत गंगा S4-41 सीज़न 4, अमृत गंगा की इकतालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “अहंकार से केवल उदासी मिलती है, इसलिए इस छोटे से जीवन को लड़ाई में गँवाने के बजाय प्रेम बाँटो।” अम्मा एक मराठी भजन गाती हैं, ‘भाव फुलांची।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – कन्नूर कार्यक्रम।

अमृत गंगा S4-40 सीज़न 4, अमृत गंगा की चालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “सांसारिक संबंध बदलते रहते हैं। किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए, ईश्वर को अपना साथी बनाकर आगे बढ़ो।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘आनन्द जननी।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है कन्नूर की ओर।

अमृत गंगा S4-39 सीज़न 4, अमृत गंगा की उनतीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “कुत्ता हड्डी चबाते हुए सोचता है कि खून आ रहा है, पर वह बेहोश होने के बाद ही समझता है कि खून कहाँ से निकला था। वस्तु में आनंद नहीं है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘नाम एक रूप बहुतेर।’ प्रस्तुत कड़ी […]