Category / अमृतगंगा

अमृत गंगा S3-13 अमृत गँगा, सीज़न ३ की तेरहवीं कड़ी में,अम्मा कह रही हैं कि हमारे अंदर एक सर्विलेंस कैमरा लगा है जो हमारे सब कर्मों को रिकॉर्ड करता है। अपनी अन्तरात्मा की अदालत में जीतने के लिए,कर्मों का अच्छा होना अनिवार्य है। अच्छे कर्मों का अच्छा परिणाम होता है और बुरे कर्मों का बुरा! […]

अमृत गंगा S3-12 अमृत गँगासीज़न ३ की १२वीं कड़ी में, अम्मा अपने बचपन के अनुभवों को याद कर रही हैं। उन दिनों धर्म, सत्य, त्याग और करुणा जैसे मूल्य बचपन से ही सिखाये जाते थे। अम्मा की माँ ने उन्हें हज़ारों धान के दाने पैदा कर सकने वाले एक दाने और साथ ही उसे पैदा […]

अमृत गंगा S3-11 अमृत गँगा सीज़न ३ की ११वीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि स्वस्थ मन आनंद का आधार है। संयमित मन तो संयमित वचन! हम यदि अपने मन में उठने वाले विचारों के प्रति सजग नहीं रहते तो विचार,विकार बन कर दुष्कर्मों के रूप में अभिव्यक्त होंगे। इस कड़ी में, भारत यात्रा […]

अमृत गंगा S3-10 अमृत गँगा सीज़न ३ की १० वीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हमें वचनों के उपयोग में सावधानी बरतनी चाहिए। बोलने से पहले सोच लेना चाहिए। कुछ गलत, बुरा होते देखें तो अवश्य बोलना चाहिए किन्तु सच जाने बिना, किसी को दोष देना या दंड देना अनुचित होगा। इस कड़ी […]

अमृत गंगा S3-09 अमृत गँगा, सीज़न ३ की नवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि कृपा का पात्र बनने के लिए हम अच्छे वचन बोलें और अच्छे कर्म करें। वचन किसी साँचे जैसे होते हैं। सांचे में दोष होगा तो उसमें जो भी डालेंगे, विकृत हो जायेगा। इसलिए वचनों में सावधानी बरतें; बोलने से […]