Category / अमृतगंगा

अमृत गंगा S3-91 सीज़न 3, अमृत गंगा की इक्यान वीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘हर कर्म में सजग रहें। कठिनाई हो, विफ़ल हो तब भी कोशिश करते रहें। विफ़लता सफ़लता का मार्ग है। विफल होना ज़रूरी नहीं; पर विफलता अंतर्मुखी बनाती है। ’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ में सिडनी की ओर। अम्मा भजन गाती हैं ‘ओ मेरी […]

अमृत गंगा S3-90 सीज़न 3, अमृत गंगा की नब्बे वीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘ध्यान और अध्यात्म किसी मार्ग-विशेष अथवा कुछ विशेष लोगों की धरोहर नहीं हैं; ये सर्व-सुलभ हैं। सभी के लिए आवश्यक हैं। पूर्ण बोध एवं सजगता सहित, जीवन जीने में सहायक होता है ध्यान।’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ की मेलबर्न सिटी […]

अमृत गंगा S3-89 सीज़न 3, अमृत गंगा की नवासीवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘आहार-निद्रा जैसे शरीर के लिए आवश्यक हैं, आध्यात्मिक विचार मन के लिए आवश्यक है। ध्यान से ही हम जीवन की गहनता, व्यापकता और पूर्णता की थाह पा सकते हैं। ’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ की मेलबर्न सिटी में । अम्मा भजन […]

अमृत गंगा S3-88 सीज़न 3, अमृत गंगा की अट्ठासीवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘ईश्वर से प्रार्थना करें, वचन या दृष्टि से किसी को दुःख न पहुंचायें – यही सच्ची भक्ति है; ज्ञान है और सच्ची प्रार्थना।’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ की मेलबर्न सिटी में । अम्मा भजन गाती हैं ‘आओ मुरलीधर ’।

अमृत गंगा S3-87 सीज़न 3, अमृत गंगा की सत्तासीवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘एक ही तत्व के नाना रूप हैं सब; इसमें स्थित रह कर जगत को देखो। जान लो कि इसी सूत्र पर जगत की माला बनी है।’ अम्मा के कार्यक्रम ‘ऑस्ट्रेलिया’ की मेलबर्न सिटी में । अम्मा भजन गाती हैं ‘व्रज में ऐसा’।