अमृत गंगा S4-21 सीज़न 4, अमृत गंगा की इक्कीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “केवल एक आध्यात्मिक दिनचर्या का पालन करके ही मानसिक अनुशासन को विकसित करना संभव है।” अम्मा कृष्ण भजन गाती हैं, ‘जमुना के तट पर’ अम्मा की भारत यात्रा मैसूर में जारी है।
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अमृत गंगा S4-20 सीज़न 4, अमृत गंगा की बीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “जिस चीज़ से हम सुपरिचित नहीं उससे डर कर पीछे नहीं हटना चाहिए। सावधानीपूर्वक प्रयास करके आगे बढ़ते रहना चाहिए।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘माँ ओ माँ पुकारूँ मैं’ अम्मा की भारत यात्रा – चल पड़ी है मैसूर की ओर।
अमृत गंगा S4-19 सीज़न 4, अमृत गंगा की उन्नीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “हम सभी को आध्यात्मिक साधक के रूप में हर कार्य को पूजा मानकर करना चाहिए और उसके परिणाम को प्रसाद के रूप में स्वीकार करना चाहिए।” अम्मा गणेश भजन गाती हैं, ‘करींद्र वदना ’ अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है […]
अमृत गंगा S4-17 सीज़न 4, अमृत गंगा की सत्रहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “एक है प्रेम की गरीबी और दूसरी है बुनियादी आवश्यकताओं की गरीबी। अम्मा मानती हैं कि यदि हम अपने अंदर प्रेम को जागृत करें, तो दोनों प्रकार की गरीबी को मिटाया जा सकता है।” अम्मा श्रीराम का भजन गाती हैं, ‘प्रेम […]
अमृत गंगा S4-16 सीज़न 4, अमृत गंगा की सोलहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “एक साधक को अपने मार्ग पर केंद्रित रहना चाहिए और ध्यान भटकाने वाली बातों से बचना चाहिए, क्योंकि अनुशासित अभ्यास के बावजूद मन आसानी से विचलित हो सकता है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘प्रभु बिन’। अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी […]

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