Category / अमृतगंगा

अमृत गंगा S4-26 सीज़न 4, अमृत गंगा की छबीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “तूफान में बड़े पेड़ गिर जाते हैं, पर छोटे पौधे झुककर बच जाते हैं। यदि हम भी जीवन के अनुभवों को स्वीकारना सीख लें, तो उनसे पार पा सकते हैं।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘बीत चला मम।’ अम्मा की भारत यात्रा […]

अमृत गंगा S4-25 सीज़न 4, अमृत गंगा की पचीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “हर सूर्योदय क्षितिज को, खूबसूरत रंग बिखेर कर अद्भुत मनोरम बना देता है। उसी प्रकार यह नूतन वर्ष आनंद, शांति, प्रेम, समृद्धि, ऐश्वर्य एवं अन्य भौतिक एवं आध्यात्मिक सम्पदाओं की अनूठी सुंदरता हम सब पर बरसाए!” अम्मा गणेश भजन गाती हैं, […]

अमृत गंगा S4-24 सीज़न 4, अमृत गंगा की चौबीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “मन का स्वभाव है कि सब कुछ होते हुए भी दुःख और निराशा में डूबा रहता है। सच्चा सुख परमात्मा में ही मिलता है—यह समझना अंतर्मुखता का पहला कदम है। जीवन का उद्देश्य अपने भीतर शाश्वत आनंद को पाना है।” अम्मा […]

अमृत गंगा S4-23 सीज़न 4, अमृत गंगा की तेईसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “सब युवा रहने की कामना करते हैं। यह मन की अवस्था है और इस आध्यात्मिक तत्व को समझ लिया तो हम नित्य-युवा रहेंगे!” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘शक्ति तू’ अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है बेंगलुरु की ओर।

अमृत गंगा S4-22 सीज़न 4, अमृत गंगा की बाईसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “जब हम सतर्क होकर सही कर्म करेंगे, वे कृपा के रूप में लौट आएंगे।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘देवी त्रिलोक में’ अम्मा की भारत यात्रा मैसूर में जारी है।