Category / अमृतगंगा

अमृत गंगा S4-45 सीज़न 4, अमृत गंगा की पैंतालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “आध्यात्मिक समझ से प्राप्त धैर्य दुःख को हटाकर सुख और शांति लाता है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘जिस हाल में।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – पालक्काड कार्यक्रम।

अमृत गंगा S4-44 सीज़न 4, अमृत गंगा की चवालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “जैसे कार शुरू करने के लिए चाबी चाहिए, वैसे जीवन में आगे बढ़ने के लिए विवेक। आध्यात्मिक हो या सांसारिक जीवन, पहली ज़रूरत है विवेक-बुद्धि।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘माँ नाम बोले।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में […]

अमृत गंगा S4-46 सीज़न 4, अमृत गंगा की छियालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “धीरता एक आंतरिक शक्ति है जो ऊँचे लक्ष्यों पर केंद्रित मन से जगती है, और धैर्यवान वीर व्यक्ति ही समाज को बदलने की क्षमता रखते हैं।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘मोर मुकुट वाले।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल […]

अमृत गंगा S4-43 सीज़न 4, अमृत गंगा की तैंतालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “यदि हम जान लें कि आत्मा हमारा सनातन संगी-साथी है और हमारे जीवन का लक्ष्य भी, तो जीवन तालबद्ध हो जाएगा।” अम्मा एक कृष्ण भजन गाती हैं, ‘आयेंगे मेरे कान्हा आज।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है […]

अमृत गंगा S4-42 सीज़न 4, अमृत गंगा की बयालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “आज संबंध हृदयों में नहीं, मस्तिष्क में रोपित हैं। विवेक-बुद्धि सहित परस्पर adjustment करें तो भविष्य उज्जवल होगा!” अम्मा एक भजन गाती हैं, ‘अम्बा भवानी।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में – कन्नूर कार्यक्रम।