अमृत गंगा S2-17
अमृत गँगा सीज़न २ की सत्रहवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि हमारा मन ध्वनि-प्रदूषण में फंसा हुआ है और हमें इसे संयमित करने का प्रयत्न करना चाहिए। ऋषि-मुनियों ने निरंतर प्रयत्न द्वारा इसकी प्राप्ति की। उसी प्रकार हमें भी ध्यान आदि जैसी आदतें विकसित करनी चाहियें। जब मन भटके तो हमें प्रयत्न करना चाहिए। एकाग्रता बनाये रखना ज़रा कठिन कार्य है। इस भारी चुनौती के बारे में सोचने की बजाय, हम उमंग और उत्साहपूर्वक परिवर्तन लाने की कोशिश करें। हमें अपने प्रयत्न के पीछे कार्यशील शक्ति के बारे में जागरूकता बनाये रखनी चाहिए।
इस कड़ी में भी, अम्मा की भारत यात्रा वृन्दावन में ही जारी है। इस कड़ी में आप अम्मा को, ‘जिस हाल में..’ भजन गाते सुनेंगे।

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