अमृत गंगा S3-76

सीज़न 3, अमृत गंगा की छिहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘प्रत्येक वस्तु का अपना धर्म है; पालन न करने पर यह हम पर पलटवार करेगा।’ ‘वाशिंगटन डी.सी’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘जय जय शंकर (कन्नड़ा)’ ।

अमृत गंगा S3-75

सीज़न 3, अमृत गंगा की पचहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘प्रेम में, व्यक्ति सब कुछ भुला सकता है; कुछ कष्टकारक अनुभव नहीं होता – यह प्रेम की विशेषता है।’ ‘वाशिंगटन डी.सी’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘जय गोपालक जय हितकारी ।

अमृत गंगा S3-74

सीज़न 3, अमृत गंगा की चौहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘विनयशीलता से अनुशासन आता है। अनुशासन हमें टकराव से बचाता है; प्रेम उत्पन्न होता है और हम प्रेम ही हो जाते हैं।’ ‘वाशिंगटन डी.सी’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘रात दिन ढ़लती जाये..।

अमृत गंगा S3-73

सीज़न 3, अमृत गंगा की तिहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘अपने अपवित्र मन को लेकर चाहे हम ज्ञान का श्रवण करें या भक्ति के पथ पर व्रत अनुष्ठान आदि करते रहें, पर कहीं नहीं पहुंचेंगे। ’ अम्मा की यात्रा ‘बोस्टन’ में जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘श्री रामा जया रामा’

अमृत गंगा S3-72

सीज़न 3, अमृत गंगा की बहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, जब आध्यात्मिक सिद्धांत किताबों के पन्नों तक ही सीमित रह जाते हैं, तो वे लोगों में परिवर्तन लाने में विफल हो जाते हैं।’ ‘बोस्टन ’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘तेरी कृपा से..।