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अमृत गंगा S3-15 अमृत गँगा, सीज़न ३ की १५वीं कड़ी में, अम्मा बता रही हैं कि बस वर्तमान क्षण हमारा है। अगली साँस तक हमारे हाथ में नहीं है। वर्तमान क्षण में किया विवेक, शेष जीवन का निर्णय करता है।इसलिए, विवेक सहित जीना सीखना चाहिए। इस कड़ी में, अम्मा की यात्रा अमदावाद में जारी है। […]

अमृत गंगा S2-06 अमृत गँगा सीज़न २ की छठी कड़ी में, अम्मा कहती हैं कि कहीं चोट लगने पर, संभवतः हम दर्द से रो पड़ें। लेकिन रोने-चिल्लाने से घाव तो भरने वाला नहीं; दवा लगानी होगी। कई लोग बिलकुल प्रयत्न नहीं करते। उपयुक्त कर्म नहीं करते। किन्तु, हम समस्याओं का समाधान प्रयत्न द्वारा ही कर […]

अमृत गंगा 7 अमृत गंगा की सातवीं कड़ी में अम्मा हमें याद दिला रही हैं कई हमारे हाथ में कुछ है तो केवल वर्तमान क्षण। बीता हुआ कल ‘आज’ नहीं बन सकता और आने वाला कल भी आज नहीं हो सकता। अगली सांस तक हमारे हाथ में नहीं है। फल देने की शक्ति केवल ईश्वर […]

हममें से अधिकतर लोग क्या भूत के विलाप और भविष्य की चिन्ता में ही जीवन नहीं बिता देते? लगभग सभी वर्तमान क्षण के सुख से वंचित रह जाते हैं। हम जीवन के सौन्दर्य व आनन्द को भूल जाते हैं। यह सब हमारी मनःस्थिति के कारण होता है। हमें एक दरजी जैसा होना चाहिए। यहाँ अम्मा […]