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अमृत गंगा 15 अमृत गंगा की पंद्रहवीं कड़ी.. अम्मा हमें नियमित ध्यानाभ्यास और उसमें एकाग्रता की प्राप्ति हेतु प्रयत्न करते रहने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। अम्मा कहती हैं कि ध्यानाभ्यास के कुछ क्षण भी सोने, हीरे-जवाहरात समान अनमोल होते हैं। लेकिन वो हमें चेतावनी भी दे रही हैं कि हम इस सोने और […]

अमृत गंगा 7 अमृत गंगा की सातवीं कड़ी में अम्मा हमें याद दिला रही हैं कई हमारे हाथ में कुछ है तो केवल वर्तमान क्षण। बीता हुआ कल ‘आज’ नहीं बन सकता और आने वाला कल भी आज नहीं हो सकता। अगली सांस तक हमारे हाथ में नहीं है। फल देने की शक्ति केवल ईश्वर […]