अमृत गंगा S4-60 सीज़न 4, अमृत गंगा की साठवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “मन स्वार्थी और करुणा-रहित है; उसे वश न किया तो जीवन सिर्फ जीभ और पेट तक सिमट जाएगा। मन की शुद्धि और वासनाओं से मुक्ति के लिए पहले महाकाली की कृपा आवश्यक है।” अम्मा श्री देवी भजन गाती हैं, ‘जय माँ […]