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अमृत गंगा S4-44 सीज़न 4, अमृत गंगा की चवालीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “जैसे कार शुरू करने के लिए चाबी चाहिए, वैसे जीवन में आगे बढ़ने के लिए विवेक। आध्यात्मिक हो या सांसारिक जीवन, पहली ज़रूरत है विवेक-बुद्धि।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘माँ नाम बोले।’ प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा में […]

अमृत गंगा S2-18 अमृत गँगा सीज़न २ की अठारहवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि हमारा लक्ष्य आत्म-साक्षात्कार होना चाहिए। जीवन में आपदा-विपदा तो आती ही रहेंगी। जीत और हार स्वाभाविक हैं। लेकिन हमें कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। अपनी साधना कभी नहीं छोड़नी चाहिए। आगे बढ़ते रहना सीखना है। इस कड़ी में अम्मा […]