Tag / स्वरुप

अमृत गंगा S2-43 अमृत गँगा,सीज़न २ की तैंतालीसवीं कड़ी में,अम्मा बताती हैं कि महाशिवरात्रि भारत के अनेक बड़े त्यौहारों में से एक है। यह रात्रि शिवजी के भजन-स्मरण हेतु समर्पित है। यह अन्य त्यौहारों से तनिक हट कर है। यह ज्ञान, वैराग्य-त्याग और तप का सन्देश देता है और हमें अपने स्वरुप में जागने की […]

अमृत गंगा S2-11 अमृत गँगा, सीज़न 2 की ग्यारहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं कि हमें दूसरों पर आश्रित हुए बिना अपने भीतर ही आनन्द खोजना चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि दूसरे लोग हमें कभी भी छोड़ कर जा सकते हैं। हम जान लें कि सच्चा सुख तो अपने भीतर ही पाया जा सकता […]

अमृत गंगा 9 अमृत गंगा की नवीं कड़ी में, अम्मा बता रही हैं कि ईश्वर कहीं दूर, बादलों के पार.. स्वर्ण-सिंहासन पर नहीं बैठा। ईश्वर हम सबके भीतर विद्यमान है। जब हम दूसरों की सहायता करते हैं तो हमारे भीतर विद्यमान परमात्मा जागृत हो उठता है। जैसे वृक्ष को बीज के बाहरी खोल को तोड़ […]