अमृत गंगा 8 अमृत गंगा की आठवीं कड़ी में, अम्मा हमें याद दिला रही हैं कि हमारी साधना का लक्ष्य अपनी खोई हुई सरलता को पाना है। सरलता, सहजता द्वारा ही हममें आत्मज्ञान जागृत होगा। अम्मा कहती हैं कि अभी हमारी सरलता, निष्कलङ्कता को अहंकार के धुएँ ने ढक रखा है और इस अहंकार का […]
अध्यतन वार्ता
- शिवरात्रि – सजकता का तत्व!
- व्रत – मन को नियंत्रण में रखने का साधन
- भक्ति और साधना से मन की शुद्ध करें
- व्रत, तप और जप से मन को संयमित कर सकते हैं
- अतीत से शिक्षा लेकर आगे बढ़े
- महान प्राप्ति के लिए उत्साह आवश्यक है
- विपत्ति – जीवन में सावधानी एवं सतर्कता लाती है
- साहसी, संकट को सफलता की सीड़ी बनाते है
- प्रयत्न और परिश्रम का स्थान कोई वस्तु नहीं ले सकता
- सकारात्मक चिंता एवं भाव सफलता के लिए अनिवार्य है
When Love is there, distance dosen't matter.
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