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अमृत गंगा S2-41 अमृत गँगा सीज़न २ की इकतालीसवीं कड़ी में, अम्मा बता रही हैं कि हम अहंकार की आँखों से देखते हैं। अहंकार मनुष्य की सभी समस्याओं का मूल कारण है। यही ‘मैं’, ‘मेरा’ और ‘मुझे चाहिए’ के भावों का निर्माता है। यही कारण है हमारी इतनी सारी पूर्वधारणाओं का। अहंकार के अभाव में […]

अमृत गंगा S2-31 अमृत गँगा सीज़न २ की इक्तीसवीं कड़ी में,अम्मा कहती हैं कि कर्म में शुद्धि को सच्ची प्रार्थना कहा जायेगा,अन्यथा यह सच्ची प्रार्थना नहीं। प्रार्थना का आधार हो,आध्यात्मिक तत्त्व का ज्ञान! प्रार्थना तो हम सभी करते हैं लेकिन उसमें गहरे नहीं जाते या यथेष्ट प्रयत्न नहीं करते। अपनी भूलों को सुधारने का प्रयत्न […]