“बच्चों, हमारे पास कितनी भी संपत्ति हो, यदि हमें परिवार व समाज में इसके स्थान या इसके उचित प्रयोग की जानकारी न हो, तो प्रसन्नता हमसे दूर ही रहती है। असीम संपत्ति से भी प्राप्त सुख अनित्य होता है, नित्य नहीं। कंस और हिरण्यकशिपु क्या अतुल्य संपत्ति के स्वामी नहीं थे? रावण के पास सब […]