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अमृत गंगा S4-36 सीज़न 4, अमृत गंगा की छतीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “मन हमेशा गलत राह दिखाता है, लेकिन वैराग्य और साधना से ही उन्नति संभव है।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘वेंकटरमणा संकटहरणा’। प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है मंगलुरु की ओर।

अमृत गंगा S2-04 अमृत गंगा-सीज़न २ की चौथी कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हम दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपनी ओर देखें। हम अपनी गलतियों को देखें तो माइक्रोस्कोप से, जबकि दूसरों को टेलिस्कोप द्वारा। जब हम किसी से नाराज़ हों तो उसे अपनी ही कमियाँ दिखाने वाले आईने की तरह देखा […]