अमृत गंगा S2-20 अमृत गँगा,सीज़न २ की बीसवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि हमारी आदतें हमारा स्वभाव बन कर हमें अपने वश में कर लेती हैं। हम राग-द्वेष और अपनी आदतों के दास हैं। चूँकि हम क्षणिक सुखों के पीछे भागते रहते हैं इसीलिये आध्यात्मिक स्वातंत्र्य अथवा आनन्द को अनुभूत नहीं कर पाते। […]
अध्यतन वार्ता
- धर्म का प्रभाव समूचे प्रपंच में सम होता है
- राम राज्य सर्वोत्तम राज्य का पर्याय है
- हर परिस्थिति में अच्छा देखो
- सभी कर्मों को सेवा भाव से करें
- शरीर को मिलने वाला मान क्षणिक है
- जीवन बहुत बड़ा गुरु है
- मंत्र जप विचारों को बलहीन करता है
- शिवरात्रि – सजकता का तत्व!
- व्रत – मन को नियंत्रण में रखने का साधन
- भक्ति और साधना से मन की शुद्ध करें
When Love is there, distance dosen't matter.
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