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अमृत गंगा S2-21 अमृत गँगा सीज़न २ की इक्कीसवीं कड़ी में अम्मा कहती हैं कि बुरी वासनाओं पर विजय पाना कठिन है। मन में बुरे विचारों की चिंगारी उठते ही, उसे बुझाना आसान होता है। लेकिन उन्हें शीघ्र न बुझाया जाये तो भयानक और विनाशकारी आग का रूप ले सकती हैं। हम उन्हें शुरुआत में […]

अमृत गंगा S2-09 अमृत गँगा सीज़न २ की नवीं कड़ी में, अम्मा बता रही हैं कि कर्म का क्षेत्र बड़ा निगूढ़ है। हमारा जन्म पूर्वजन्मों के कर्मानुसार होता है। कभी-कभी, ग्रहों की प्रतिकूल गति के चलते, हम बेबस हो जाते हैं। अगली साँस तक हमारे हाथ में नहीं है। लेकिन डरने की कोई बात नहीं। […]

अमृत गंगा 17 अमृत गंगा की सत्रहवीं कड़ी में, हम देखेंगे कि अन्य साधु-संतों की तरह, अम्मा भी निस्स्वार्थ सेवा को बहुत महत्त्व देती हैं। अम्मा कहती हैं कि यदि हम पूरे मनोयोग के साथ निस्स्वार्थ सेवा और साधना में लग जाएँ तो हम मन को निश्चित ही शुद्ध बना सकते हैं। परमात्मा पर मनन […]