अमृत गंगा S2-03 अमृत गंगा के सीज़न २ की तीसरी कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि हृदय में प्रेम हो तो सर्वत्र सौन्दर्य ही सौन्दर्य दिखाई देता है। प्रेम के अभाव में, विश्व-सुन्दरी भी हमें कुरूप मालूम हो सकती है। कारण है अपना मन! जो हमें भाता हो, हो सकता है, दूसरे को बिल्कुल […]
अध्यतन वार्ता
- शिवरात्रि – सजकता का तत्व!
- व्रत – मन को नियंत्रण में रखने का साधन
- भक्ति और साधना से मन की शुद्ध करें
- व्रत, तप और जप से मन को संयमित कर सकते हैं
- अतीत से शिक्षा लेकर आगे बढ़े
- महान प्राप्ति के लिए उत्साह आवश्यक है
- विपत्ति – जीवन में सावधानी एवं सतर्कता लाती है
- साहसी, संकट को सफलता की सीड़ी बनाते है
- प्रयत्न और परिश्रम का स्थान कोई वस्तु नहीं ले सकता
- सकारात्मक चिंता एवं भाव सफलता के लिए अनिवार्य है
When Love is there, distance dosen't matter.
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