अमृत गंगा S2-40 अमृत गँगा, सीज़न २ की चालीसवीं कड़ी अम्मा कह रही हैं कि अहंकार पाइप में पानी को रोकने वाले मलबे जैसा है। यही मनुष्य की समस्याओं का मूल कारण है। ‘मैं’ के भाव से ही ‘मेरा’ और ‘मुझे चाहिए’ के भाव जन्म लेते हैं और मन को बेसुरा बनाते हैं। इस ‘अहम्’ […]