अमृत गंगा S2-47 अमृत गँगा,सीज़न २ की सैंतालीसवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि जीवन एक नदी समान है। इसके तटवर्ती निवासी नदी का केवल एक भाग देख पाते हैं। पर इसका अर्थ यह नहीं कि नदी उतनी ही है, जितनी उन्हें दिखाई देती है। हम इसका न स्रोत देखते हैं, न ही गंतव्य! […]