अमृत गंगा S2-34 अमृत गँगा सीज़न २ की चौंतीसवीं कड़ी में,अम्मा कह रही हैं कि ईश्वर कोई व्यक्ति नहीं जो एक को दंड दे और दूसरे को क्षमादान! साथ ही,इसका यह अभिप्राय भी नहीं कि हम मनमाना जीवन जियें!कि मैं जैसे चाहूँ,जिऊंगा!” यही मनोभाव सब मुसीबतों की जड़ है। इस मनोभाव से न तो ‘हमें’ […]
Tag / प्राप्ति
अमृत गंगा S2-17 अमृत गँगा सीज़न २ की सत्रहवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि हमारा मन ध्वनि-प्रदूषण में फंसा हुआ है और हमें इसे संयमित करने का प्रयत्न करना चाहिए। ऋषि-मुनियों ने निरंतर प्रयत्न द्वारा इसकी प्राप्ति की। उसी प्रकार हमें भी ध्यान आदि जैसी आदतें विकसित करनी चाहियें। जब मन भटके तो […]
अमृत गंगा S2-15 अमृत गँगा सीज़न २, की पंद्रहवीं कड़ी में अम्मा कहती हैं कि अभी हमारा अपने मन पर संयम नहीं है। मन संसार-चक्र में फंसा है और आत्म-साक्षात्कार की प्राप्ति हेतु हमें इससे मुक्त होना होगा। हमें बाह्य और भीतरी अनुशासन और प्रार्थना की आवश्यकता है और मन्त्रों व यज्ञों की भी। ये […]
अमृत गंगा S2-11 अमृत गँगा, सीज़न 2 की ग्यारहवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं कि हमें दूसरों पर आश्रित हुए बिना अपने भीतर ही आनन्द खोजना चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि दूसरे लोग हमें कभी भी छोड़ कर जा सकते हैं। हम जान लें कि सच्चा सुख तो अपने भीतर ही पाया जा सकता […]

Download Amma App and stay connected to Amma