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अमृत गंगा S2-16 अमृत गँगा सीज़न २ की सोलहवीं कड़ी में अम्मा कहती हैं कि जब हम अपने लाभ के लिए दूसरों को हानि पहुँचाते हैं तो हमारे यह कर्मों के फल के रूप में वापस हमारे पास आता है और परिणाम होता है बन्धन! लेकिन ज्ञान सहित किये गए कर्म बन्धनकारक नहीं होते। अतः […]

अमृत गंगा S2-02 अमृत गंगा सीजन 2 की दूसरी कड़ी में, अम्मा कहती हैं कि हमें जगत में यूँ रहना चाहिए कि जगत हम में प्रवेश न करने पाए। जगत और इसकी वस्तुएं हमारे दुःख का कारण नहीं बल्कि अपना मन ही दुःख का मूल है। हमें अपनी इच्छाओं,वासनाओं के स्वभाव को समझना चाहिए। वे […]