Tag / दास

अमृत गंगा S2-20 अमृत गँगा,सीज़न २ की बीसवीं कड़ी में अम्मा कह रही हैं कि हमारी आदतें हमारा स्वभाव बन कर हमें अपने वश में कर लेती हैं। हम राग-द्वेष और अपनी आदतों के दास हैं। चूँकि हम क्षणिक सुखों के पीछे भागते रहते हैं इसीलिये आध्यात्मिक स्वातंत्र्य अथवा आनन्द को अनुभूत नहीं कर पाते। […]

अमृत गंगा S2-10 अमृत गंगा, सीज़न 2 की दसवीं कड़ी में, अम्मा ने कहा कि आज प्रश्न यह नहीं कि ज़्यादा कैसे जियें, बल्कि कैसी ज़िन्दगी जियें! जब तक हमें इसका समाधान अंदर से नहीं मिलता, हमारे जीवन में तृप्ति, सन्तोष का अभाव रहेगा। हम जी रहे हैं लेकिन अंदर दुःख भरा है। हमें अपने […]

अमृत गंगा 28 अमृत गंगा की प्रस्तुत अट्ठाईसवीं कड़ी में, हम अम्मा के शब्दों में ही अम्मा की, एक महान व्यक्ति की परिभाषा को देखें तो वो कुछ इस तरह है कि जो व्यक्ति अपने विचारों, वचनों और कर्मों के माध्यम से दूसरे कितने लोगों के जीवन पर गहरी और सुन्दर छाप छोड़ पाया है। […]