अमृत गंगा S4-55 सीज़न 4, अमृत गंगा की पचपन वीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “हम अपने शरीर से आसक्त हैं, परन्तु हमारे भीतर एक आनंदमय आत्मा है, जो अहंकार से छिपी हुई है; केवल अपने अहंकार को तोड़कर ही हम इसे मुक्त कर सकते हैं।” अम्मा भजन गाती हैं, ‘विनती हमारी।’ प्रस्तुत कड़ी में, […]

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