अमृत गंगा S4-35 सीज़न 4, अमृत गंगा की पैंतीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “पूर्ण विकास तो आध्यात्मिकता द्वारा ही सम्भव है. गहनता से समझें तो।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘दीपक न जानू’। प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है मंगलुरु की ओर।
अमृत गंगा S4-35 सीज़न 4, अमृत गंगा की पैंतीसवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, “पूर्ण विकास तो आध्यात्मिकता द्वारा ही सम्भव है. गहनता से समझें तो।” अम्मा देवी भजन गाती हैं, ‘दीपक न जानू’। प्रस्तुत कड़ी में, अम्मा की भारत यात्रा चल पड़ी है मंगलुरु की ओर।