अमृत गंगा S3-77 सीज़न 3, अमृत गंगा की सतहत्तरवीं कड़ी में, अम्मा कहती हैं, ‘लोभ-वृत्ति सर उठायेगी तो कृपा का प्रवाह बाधित हो जायेगा।’ ‘न्यूयॉर्क’ में अम्मा की यात्रा जारी है। अम्मा भजन गाती हैं ‘प्रभू प्यार की ज्योत जला दो’।
अध्यतन वार्ता
- प्रेम की अभिव्यक्ति आवश्यक है
- परिवर्तनशील जगत का धैर्य से सामना करें
- शिष्यत्व अर्थात् समर्पण
- नित्य बंधु आत्मा ही है
- फ़ोन उपयोगी है पर दास न बने
- इस जगत में कुछ भी तुच्छ नहीं।
- प्रयत्न से एकाग्रता आएगी ही
- हर दिन में नयापन और सुंदरता देखो
- दान में अपेक्षा ना हो
- व्रत-अनुष्ठान : भगवान के लिए या हमारे लिए?
When Love is there, distance dosen't matter.
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