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अमृत गंगा S2-35 अमृत गँगा सीज़न २ की पैंतीसवीं कड़ी में,अम्मा कह रही हैं कि जैसे सब जगह कैमरे लगे हैं,वैसे ही हमारे भीतर भी एक कैमरा है..हमारी अंतरात्मा का कैमरा! यह हमारे सब कर्मों को रिकॉर्ड करता है। ईश्वर हमारे अंदर है पर हम राग-द्वेष व काम- क्रोध के वशीभूत हो,उसे अनुभूत नहीं कर […]

अमृत गंगा S2-19 अमृत गँगा, सीज़न २ की उन्नीसवीं कड़ी में, अम्मा ने कहा कि समाज में सच्ची प्रगति तभी होती है जब हम दूसरों के साथ बाँटते हैं। हमारे पूर्वज समग्र दूरदृष्टि के स्वामी थे। उनके निर्णय एक व्यक्ति के नहीं बल्कि समाज के हित में होते थे। आज के समाज में हम ऐसा […]

अमृत गंगा S2-12 अमृत गँगा सीज़न २ की बारहवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि करुणा हमारा स्वभाव है। दूसरों की सहायता करने का भाव हम में अन्तर्निहित है, किन्तु स्वार्थ-भाव करुणा को प्रकट नहीं होने देता। हम दूसरों के दुःख को जान नहीं पाते। स्वार्थ-भाव हमारे हृदय की करुणा को मलिन कर देता […]