अमृत गंगा S3-31 सीज़न ३, अमृत गंगा की इकत्तीसवीं कड़ी में, अम्मा कह रही हैं कि धरती पर रहते हुए स्वर्ग का अनुभव संभव है – हमें इस मनोभाव को जागृत करने का प्रयत्न करना चाहिए। अमृत गंगा की इस कड़ी में, अम्मा की यात्रा डेनमार्क में जारी है। अम्मा ने भजन गाया है,’पाहि गजानन…’
अध्यतन वार्ता
- शिवरात्रि – सजकता का तत्व!
- व्रत – मन को नियंत्रण में रखने का साधन
- भक्ति और साधना से मन की शुद्ध करें
- व्रत, तप और जप से मन को संयमित कर सकते हैं
- अतीत से शिक्षा लेकर आगे बढ़े
- महान प्राप्ति के लिए उत्साह आवश्यक है
- विपत्ति – जीवन में सावधानी एवं सतर्कता लाती है
- साहसी, संकट को सफलता की सीड़ी बनाते है
- प्रयत्न और परिश्रम का स्थान कोई वस्तु नहीं ले सकता
- सकारात्मक चिंता एवं भाव सफलता के लिए अनिवार्य है
When Love is there, distance dosen't matter.
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